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काशी में हैं भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग के मंदिर.

काशी में हैं भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग के मंदिर.

वाराणसी: काशी महादेव की प्रिय नगरी है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) यहां विराजमान हैं. शिव के इस प्रिय शहर में आदि विशेश्वर के साथ ही 12 अन्य ज्योतिर्लिंग भी विराजमान हैं, जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से भक्तों को देश के अलग अलग हिस्सों में विराजमान ज्योर्तिलिंगों के दर्शन के सामान ही पुण्य मिलता है.यही वजह है कि सावन के पवित्र महीनें में यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है.

वाराणसी के मान मंदिर घाट के करीब सोमनाथ महादेव का प्राचीन मंदिर है. सावन माह के अलावा हर सोमवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है.ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान शंकर को जल अर्पण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

द्वादश ज्योतिर्लिंग के दूसरे स्थान पर मल्लिकार्जुन महादेव का नाम है. वाराणसी सिगरा स्थित टीला पर मल्लिकार्जुन महादेव का प्राचीन मंदिर है. काशी खंडोक्ट नाम के धार्मिक पुस्तक में भी इसका जिक्र है.

वाराणसी के दारानगर इलाके में महाकालेश्वर महादेव का मंदिर है. द्वादश ज्योतिर्लिंग के क्रम में तीसरे स्थान पर इस शिवलिंग का नाम आता है. महाकालेश्वर महादेव के दर्शन से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है.

केदारनाथ का मंदिर वाराणसी के केदारघाट पर गंगा तट पर स्थित है.यहां बाबा का स्वयम्भू शिवलिंग है जो मकर संक्रांति पर खिचड़ी से प्रकट हुए हैं.इस मंदिर में बड़ी संख्या में दक्षिण भारत से श्रद्धालु दर्शन को आते हैं.

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट जाने वाले मार्ग के बीच भीमशंकर महादेव का मंदिर है. ये शिवलिंग जमीन से करीब 60 फीट नीचे पाताललोक में स्थित है. इसे काशी करवट के नाम से भी जानते हैं. यहां बाबा को जल अर्पण करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ का शिवलिंग काशी में विराजमान है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में ये शिवलिंग प्रमुख है और बाबा के दर्शन को यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं. काशी के इस ज्योतिर्लिंग में शिव और पार्वती एक साथ विराजमान हैं.

त्रयम्बकेश्वर महादेव का मंदिर बांस फाटक इलाके के हौज कटोरा में स्थित है. बाबा का ये मंदिर अतिप्राचीन है और यहां दर्शन और जलाभिषेक से भक्तों की मनचाही मुरादें पूरी होती हैं.

बैद्यनाथ महादेव का मंदिर वाराणसी के बैजनत्था इलाके में स्थित है.मान्यता है कि महादेव के इस स्वरूप के दर्शन से सभी तरह के रोगों से भक्तों को मुक्ति मिल जाती है.यही वजह है कि यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.

नागेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर वाराणसी के पठानी टोला में स्थित है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों के क्रम में नौंवे स्थान पर इस शिवलिंग की पूजा होती है.मंदिर में दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

वाराणसी के रामकुंड क्षेत्र में रामेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है.प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों की भीड़ होती है और बाबा के जलाभिषेक से सभी दोषों से मुक्ति मिल जाती है.

द्वादश ज्योतिर्लिंगों के क्रम में 11 वें स्थान पर घृष्णेश्वर महादेव हैं.वाराणसी के कमच्छा स्थित कामाख्या देवी मंदिर में घृष्णेश्वर महादेव का प्राचीन शिवलिंग स्थापित है.

ओमकारेश्वर महादेव का मंदिर वाराणसी के छित्तनपुर में स्थापित है.महादेव के इस शिवलिंग के दर्शन से सभी तीर्थो का लाभ मिलता है.

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